राजस्थान में गहलोत सरकार का संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ गुड़गांव के एक होटल में हैं। लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। दूसरी ओर, भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी में चल रहे रस्साकशी से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
वर्तमान में, भाजपा राजस्थान में वजन और घड़ी की नीति का पालन कर रही है। पार्टी का मानना है कि पूरा विवाद कांग्रेस में सत्ता के बंटवारे को लेकर चल रहे विवाद और गहलोत सरकार को लेकर नाराजगी का है।
राजस्थान में भयंकर युद्ध के बीच, खेल मंत्री अशोक चांदना ने भी भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट पर उनका नाम लिए बिना निशाना साधा है।
उन्होंने कहा कि जो लोग ज्योतिरादित्य सिंधिया बनना चाहते हैं उन्हें सबक लेना चाहिए कि मप्र में ज्योतिरादित्य कैसा है। बता दें कि चंदना को अशोक खेमे का मंत्री माना जाता है।
गौरतलब है कि शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक प्रेस मीट बुलाई और भाजपा को ‘बेशर्म पार्टी’ कहा। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी पार्टी है जो उस समय कांग्रेस सरकार को गिराने की कोशिश कर रही थी जब वह कोविद -19 संकट से निपटने में व्यस्त थी। इस बीच, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट शनिवार को दिल्ली पहुंचे और उसके बाद अटकलों की गति और बढ़ गई।