शिवराज सिंह चौहान ने घुटने टेक दिए। उन्होंने मंडी टैक्स घटाकर एक तिहाई कर दिया है। यानी प्रदेश की मंडियों में जो ₹1.50 टैक्स लगता था अब वह केवल 50 पैसे लगेगा। दिव्यांगों के लिए निराश्रित सहायता के नाम पर 20 पैसे मिलते थे, अब वह भी नहीं मिलेंगे।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने इस फैसले को अपने जन्मदिन का तोहफा बताते हुए कहा कि नए मंडी एक्ट से अब किसानों को कहीं भी अपनी फसल बेचने की छूट है, अनाज के भंडारण के लिए लाइसेंस की बाध्यता भी खत्म हो गई है। पटेल ने बताया कि मंडी के बाहर कारोबार पर कोई मंडी टेक्स नहीं था लेकिन मंडी में एक रुपए 50 पैसे मंडी टेक्स देने के साथ ही 20 पैसे निराश्रित सहायता शुल्क देना पड़ता था
व्यापारी मंडी टैक्स घटाने की मांग को लेकर पिछले 12 दिन से हड़ताल पर थे. जिसे अब बातचीत के बाद समाधान कर दिया गया है।
सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापार समिति के अध्यक्ष गोपालदास अग्रवाल ने कहा कि सरकार के इस फैसले से व्यापारियों को राहत मिलने के साथ मंडियों को बचाने का रास्ता भी खुला है। किसानों का मंडियों पर भरोसा है, किसानों के कल्याण के लिए मंडियों का अस्तित्व बचा रहे इसके लिए वो मंडी शुल्क जारी रखना चाहते हैं, लेकिन खुले बाजार की प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए वो इसमें कमी चाहते थे। मंगलवार को उनकी मांग कृषि मंत्री कमल पटेल से चर्चा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सहमति के बाद पूरी हो गई है, इससे मंडियों में व्यापार फिर शुरू हो गया है।
- Avanti Feeds Limited Share Price Target 2022, 2023, 2024, 2025, 2030
- India Cements Share Price Target 2022, 2023, 2024, 2025, 2030
- Andhra Cement Share Price Target 2022, 2023, 2024, 2025, 2030
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