मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर 3 नवंबर को उपचुनाव के लिए मतदान हो चुके हैं और अब सभी को 10 नवंबर का इंतजार है, जिस दिन वोटों की गिनती होगी लेकिन उससे ठीक पहले भोपाल में एक बड़े सियासी घटनाक्रम ने सूबे का राजनीतिक पारा चढ़ा दिया है. दरअसल, शुक्रवार दोपहर बीएसपी, बीजेपी और एक निर्दलीय विधायक ने बीजेपी के चुनाव प्रबंध समिति के संयोजक और मंत्री भूपेंद्र सिंह से उनके बंगले पर मुलाकात की, जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अब आपत्ति उठाई है.
शुक्रवार को बीएसपी विधायक संजीव कुशवाहा, बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने भूपेंद्र सिंह से उनके बंगले पर मुलाकात की है.
हालांकि इस मुलाकात को बीजेपी ने औपचारिक मुलाकात बताया है लेकिन चुनावी नतीजों से ठीक पहले हुई इस बैठक के कई मायने निकाले जा रहे हैं.
शुक्रवार को सबसे पहले बीएसपी विधायक संजीव कुशवाहा भूपेंद्र सिंह के बंगले पर पहुंचे और करीब आधे घंटे उनसे मुलाकात की. बाहर निकालकर उन्होंने कहा, ‘ये एक औपचारिक मुलाकात थी. बहुजन समाजवादी पार्टी ने बहुत मजबूती के साथ चुनाव लड़ा हैं. चूंकि जनता ने दोनों ही प्रमुख दलों को देखा है कि किस तरह उन्होंने मुद्दों से हटकर राजनीति की है. उसी से आम जनता में दोनों दलों के प्रति आक्रोश था. उपचुनाव में अच्छे परिणाम आने की उम्मीद है’.
हालांकि जब उनसे पूछा गया कि क्या वो बीजेपी के साथ हैं तो उन्होंने कहा कि इसका फैसला पार्टी आलाकमान करेगा. इसके बाद बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी भी भूपेंद्र सिंह के बंगले पर मुलाकात करने पहुंचे. पिछले साल नारायण त्रिपाठी ही वह विधायक थे, जिन्होंने विधानसभा में एक बिल पर वोटिंग के दौरान कांग्रेस का समर्थन कर दिया था. इसके बाद मार्च में भी जब मध्य प्रदेश में सियासी उठापटक चल रही थी तो नारायण त्रिपाठी कई बार तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के घर पर देखे गए थे.
हालांकि विधानसभा में बहुमत साबित करने के दौरान नारायण त्रिपाठी ने बीजेपी का ही साथ दिया था. इसके अलावा निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने भी करीब आधे घंटे तक भूपेंद्र सिंह से बंद कमरे में मुलाकात की. बाहर निकल कर उन्होंने मीडिया से कोई बात नहीं की लेकिन माना जा रहा है कि यदि बहुमत के लिए जरूरत पड़ी तो बीजेपी निर्दलीय विधायकों को भी साथ में रखने के लिए ऑफर दे सकती है.