लैंड माइंस ब्लास्ट में शहीद हुए वारासिवनी के सपूत शुभम राहंगडाले को आज क्षेत्रवासियों ने गमगीन माहौल में अंतिम विदाई दी । विदित हो पंजाब के जालंधर में ड्यूटी के दौरान 5 अक्टूबर को गश्ती करते समय लैंड माइंस ब्लास्ट में सैनिक शुभम पिता विनोद राहंगडाले बुरी तरह जख्मी हो गए थे।उनका इलाज जालंधर के ही सैनिक अस्पताल में चल रहा था।
10 दिन तक जीवन से संघर्ष करते हुए जवान शुभम राहंगडाले ने 14 अक्टूबर को दम तोड़ दिया, इसके बाद शहीद जवान का शव शहीद के गृह ग्राम वारासिवनी के कंचनपुर(सरण्डी) लाया गया।पूरे राजकीय सम्मान के साथ हजारों गमगीन लोगों की मौजूदगी में शहीद शुभम का अंतिम संस्कार किया गया।शहीद जवान के अंतिम संस्कार के समय खनिज विकास निगम अध्यक्ष व विधायक प्रदीप जायसवाल, पूर्व विधायक डॉ योगेंद्र निर्मल, प्रधानमंत्री जनकल्याण प्रकोष्ठ प्रदेश सदस्य गौरव सिंह पारधी सहित हजारों लोग उपस्थित थे।
ड्यूटी के दौरान शहीद हुए शुभम के परिवार में दो भाई माता पिता दादा चाचा चाची हैं।परिवार में सबसे बड़े शुभम को बचपन से ही फ़ौज में जाने का जुनून था और उसके इस जुनून को और धार दी। 2015 में फौज में भर्ती हुए गांव के ही एक अन्य जवान विक्की बिसेन ने उसे प्रोत्साहित कर उसे भर्ती के दौरान होने वाली गतिविधियों के बारे में बताकर उनके भीतर देशसेवा की भावना प्रबल किया।
इसके परिणामस्वरूप शुभम ने फैज में जाने के लिए कड़ी मेहनत की जिसके परिणाम स्वरूप मात्र 20 साल की उम्र में ही 24 मार्च 2017 को फौज में उनकी ट्रेडमैन के पद पर भर्ती हो गई। शहीद शुभम की पहली पद स्थापना झारखंड के रायगढ़ व दूसरी पदस्थापना पंजाब के अमृतसर में हुई थी वर्तमान में वह पंजाब के ही जालंधर में जाट रेजिमेंट में पदस्थ थे, पर 5 अक्टूबर को गश्त के दौरान लैंडमाइंस फटने से वह घायल हो गए थे।